Wednesday, August 10, 2005

दिलकश मजबूरी

हर पल उनके दिदार का इन्तजार रहता है
दिल चाहता है मगर होठ कुछ न कहता है
कितनी दिलकश है ये दिल की मजबूरी
सामने मजिंल है और है कोसो की दूरी

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