रीडीफ के एक लेख के अनुसार भारत मे हर साल ३५०००० इन्जीनियर्स पास होते हैं, लेकिन उनमें से केवल २५% ही नौकरी के योग्य होते हैं| मशरूम की तरह उग रहे इन्जीनियरींग कालेजो की संख्या १२०८ को पार कर गयी है, लेकिन क्या किसी ने उनकी संख्या की तरह उनमे शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की सोची है? हम Quantity मे तो बढ रहे हैं, लेकिन हमारी Quality घट रही है| यदि हाल यही रहा तो आने वाले भविष्य मे बेरोजगार इन्जीनियर्स का क्या हाल होगा?
http://in.rediff.com/money/2005/nov/28bspec.htm
http://in.rediff.com/money/2005/nov/29bspec.htm
http://in.rediff.com/money/2005/nov/30bspec.htm
3 comments:
हां यह सच है कि २५ % इंजिनियर ही इस नौकरी के लायक होते है. यह मेरा अनुभव भी रहा है. लेकिन बाकि ७५% मे से २०-३०% अपनी अंग्रेजी कमजोर होने की वजह से नौकरी नही पा पाते, विशेषतया उत्तर भारत से. उन्हे अपने ज्ञान को एक्स्प्रेश करना नही आता
स्थीती चिन्ताजनक है !
पर, भारत में इन्जीनियरों की संख्या को देखते हुए ये २५% तो बहुत अच्छा प्रतिशत है ! हमें खुश होना चाहिये |
awesome io
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