Thursday, October 27, 2005
अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद सहाय्य सिस्टम
"भारतीय भाषाओं के लिये प्रौद्योगिकी विकास" ने लाया है आई आई टी कानपुर द्वारा विकसित आंग्ला भारती तकनीक पर आधारित अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद सहाय्य सिस्टम | यह अभी बीटा संस्करण है |
Tuesday, October 25, 2005
व्याकरण व्याख्यान 73 घंटे बिन व्यवधान
व्याकरण व्याख्यान 73 घंटे बिन व्यवधान: "नामचीन होने की ख़्वाहिश लोगों से क्या-क्या नहीं कराती है. मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ाने वाले संजय कुमार सिन्हा पर भी सवार थी एक धुन. लेकिन क्या?"
Sunday, October 16, 2005
असम्भव हो हर कार्य जरुरी नही
चाहते अब बुलन्द होने को मचल रही हैं
सोती अरमा आसमा छूने को मचल रही हैं
लग रहा है असर कर रही है दुआ अपनो की
बूझती लौ अब नयी रोशनी लिये मचल रही हैं
---------------------------------------------
विश्वास बढा है विश्वास से
साथ बढा है साथ से
अगर हाथ दो मेरे हाथ मे
बदल देगें दुनिया बातो बात से
---------------------------------------------
सार्थक हो हर प्रयास जरुरी नही
पूरी हो हर आस जरुरी नही
मगर सच है ये भी वही
असम्भव हो हर कार्य जरुरी नही
-------------------------------------------
है विश्वास अपने कर्मो पर
किस्मत भी उतनी बूरी हो नही सकती
पूरा होगा हर सपना
दुआये अपनो की अधूरी हो नही सकती
सोती अरमा आसमा छूने को मचल रही हैं
लग रहा है असर कर रही है दुआ अपनो की
बूझती लौ अब नयी रोशनी लिये मचल रही हैं
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विश्वास बढा है विश्वास से
साथ बढा है साथ से
अगर हाथ दो मेरे हाथ मे
बदल देगें दुनिया बातो बात से
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सार्थक हो हर प्रयास जरुरी नही
पूरी हो हर आस जरुरी नही
मगर सच है ये भी वही
असम्भव हो हर कार्य जरुरी नही
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है विश्वास अपने कर्मो पर
किस्मत भी उतनी बूरी हो नही सकती
पूरा होगा हर सपना
दुआये अपनो की अधूरी हो नही सकती
Thursday, October 06, 2005
संचित राशि
चाहे तुम कुछ ना करो किसी के लिए, पर करके एहसान न जतना
छोटे हो सपने किसी के, उसे हँसी में मत उडाना
हँसते रहना जिन्दगी भर तुम, पर किसी के बेबसी पर कभी न मुस्कराना
पकडना जो दामन किसी का, उम्र भर का साथ निभाना
कहते है अब बोझ बन गये हैं रिस्ते, फिर भी बडो को देख कर सर झुकना
जो कुछ कर सको करना सबके लिये, पर मिलेगा तुम्हे कुछ उमीद मत लगाना
ये संचित राशि है जो कतरा कतरा भरता है,
तुम्हारे आज के जलाये दिये से कल तम्हारा ही घर जगमग जगमग करता है
सूरज देव
छोटे हो सपने किसी के, उसे हँसी में मत उडाना
हँसते रहना जिन्दगी भर तुम, पर किसी के बेबसी पर कभी न मुस्कराना
पकडना जो दामन किसी का, उम्र भर का साथ निभाना
कहते है अब बोझ बन गये हैं रिस्ते, फिर भी बडो को देख कर सर झुकना
जो कुछ कर सको करना सबके लिये, पर मिलेगा तुम्हे कुछ उमीद मत लगाना
ये संचित राशि है जो कतरा कतरा भरता है,
तुम्हारे आज के जलाये दिये से कल तम्हारा ही घर जगमग जगमग करता है
सूरज देव
Tuesday, October 04, 2005
बढते कदम
इन बढते हुये कदमो को न रोकना कभी
मुश्किलो को देख कर हिम्मत न छोडना कभी
लोग कहेगे बहुत कुछ सून के न बहकना कभी
रास्ते कठीन हो फिर भी मन्जिल से पहले न रुकना कभी
कठीन कुछ भी नही है, कह के असम्भव पीछे न हटना कभी
आसान हो जायेगी मंजिल कदम पहला तो बढाना कभी
आसमाँ आ जायेगा हाथ मे जी से हाथ को ऊपर उठाना कभी
कारवाँ बन ही जायेगा कदम अपना आगे बढाना कभी
मुश्किलो को देख कर हिम्मत न छोडना कभी
लोग कहेगे बहुत कुछ सून के न बहकना कभी
रास्ते कठीन हो फिर भी मन्जिल से पहले न रुकना कभी
कठीन कुछ भी नही है, कह के असम्भव पीछे न हटना कभी
आसान हो जायेगी मंजिल कदम पहला तो बढाना कभी
आसमाँ आ जायेगा हाथ मे जी से हाथ को ऊपर उठाना कभी
कारवाँ बन ही जायेगा कदम अपना आगे बढाना कभी
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