चाहते अब बुलन्द होने को मचल रही हैं
सोती अरमा आसमा छूने को मचल रही हैं
लग रहा है असर कर रही है दुआ अपनो की
बूझती लौ अब नयी रोशनी लिये मचल रही हैं
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विश्वास बढा है विश्वास से
साथ बढा है साथ से
अगर हाथ दो मेरे हाथ मे
बदल देगें दुनिया बातो बात से
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सार्थक हो हर प्रयास जरुरी नही
पूरी हो हर आस जरुरी नही
मगर सच है ये भी वही
असम्भव हो हर कार्य जरुरी नही
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है विश्वास अपने कर्मो पर
किस्मत भी उतनी बूरी हो नही सकती
पूरा होगा हर सपना
दुआये अपनो की अधूरी हो नही सकती
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